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आईसीएमआर की स्टडी में बड़ा खुलासा, वैक्सीनेटेड व्यक्ति भी करें कोरोना गार्डलाइन का पालन

भारत में अब तक 50 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। आईसीएमआर की एक स्टडी के मुताबिक, वैक्सीन लगने के बाद कोरना के गंभीर लक्षण और मौत के आसार कम हो जाते हैं। वहीं, दूसरी तरफ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वेक्सीन की दो डोज लगने के बावजूद लोगों में डेल्टा वैरिएंट का इंफेक्शन फैल रहा है। इसके अलावा विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण की चपेट में आने के बाद भीड़-भाड़ से दूरी बना लें, लक्षणों की तत्काल जांच करवाएं। वहीं, डॉ. वासिलियोस मार्गराइटिस का कहना है कि पहला कोरोना टेस्ट तुरंत करवाएं रिजल्ट निगेटिव आने पर 5 से 7 दिन बाद दूसरा टेस्ट करवाएं। इस दौरान बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, लॉस ऑफ सेंस, स्मेल और थकान कोविड-19 के आम लक्षण हैं। उन्होंने आगे बताया कि वैक्सीनेटेड व्यक्ति लापरवाही न करें कोरोना गार्डलाइन का पालन करते रहें।
भारत में वायरस के नए वैरिएंट्स पर नजर रख रहे इंसाकॉग की रिपोर्ट कहती है कि भारत में सामने आ रहे हर दस में से करीब नौ केस के लिए डेल्टा वैरिएंट जिम्मेदार है। सीडीसी की गार्डलाइन के मुताबिक कोरोना की दो डोज लगने के दो हप्ते बाद कंपलीट वैक्सीनेटेड कहलाएंगे। उधर, स्कॉटलैंड में हेल्थकेयर वर्कर्स द्वारा किए शोध के अनुसार नॉनवैक्सीनेट के मुकाबले वैक्सीनेट परिवार में 30 फीसदी खतरा कम होता है। वहीं, एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि लापरवाही जीवन पर भारी पड़ सकती है इसलिए अच्छी क्वालिटी का मास्क और सैनेटाइजर का इस्तेमाल रेगुलर करें।

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