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एलोवेरा के छोटे पौधे में हैं कई बड़े गुण, ज्यादातर घरों में होता है इस्तेमाल

देश में पिछले दिन एलोवेरा के प्रयोग का चलन काफी बढ़ गया है। हालांकि सदियों से लोग इस इस्तेमाल करते रहे हैं। एलोवेरा भले ही एक छोटा-सा पौधा है, लेकिन इसके गुण जगजाहिर हैं। इसके अनगिनत फायदों के कारण ही इसे लगभग हर घर में इस्तेमाल किया जाता है। विशेषज्ञों कि माने तो एलोवेरा मे 12 तरह के विटामिन, 18 अमीनों एसिड, 20 खनिज़, 75 पोषक तत्व सहित 200 एंजाइम पाए जाते हैं। इसको घृतकुमारी, ग्वारपाठा, एलोवेरा संजीवनी नामों से जाना जाता हैं। इसमें कई रासायनिक तत्व भी पाए जाते हैं। पेट से जुड़ी बीमारी में एलोवेरा के जूस में एक नींबू, और शहद मिलाकर सेवन करने से पाचन शक्ति और गैस कब्ज से राहत मिलती हैं। एलोवेरा के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती हैं। इसके प्रयोग से नस नाडियों और शरीर के अंदर जमीं गंदगी की सफाई होती हैं। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने और रक्तवाहिनियों में वसा जमने से मोटापा की समस्या होती हैं। नियमित 30 मिली एलोवेरा के जूस का सेवन करने से चर्बी कम होने लगती हैं। जख्म, मुंह के छाले में भी कारगर हैं। एलोवेरा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से भी लड़ता हैं। जुकाम –खांसी में 5 ग्राम रस में शहद मिलाकर सेवन करने से राहत मिलती हैं। वालों में सफेदी और बालों के झड़ने को रोकने में कारगर हैं। एलोवेरा से नुकसान भी होते हैं। बवासीर और पित्ताशय से पीड़ित रोगों को बिना चिकित्सक की सलाह से सेवन नहीं करना चाहिए। मधुमेह में भी इसका विशेष ध्यान रखना पड़ता हैं। इसका प्रयोग गर्भावस्था के समय नहीं करना चाहिए। पोटेशियम और इलेक्ट्रॉलाइट्स की हानि पहुंचने का खतरा बढ़ता हैं।

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