गर्भवती महिलाओं को खान-पान पर विशेष ध्यान रखना पड़ता हैं। तीसरे महीने से पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। अधिक वजन नहीं उठाना चाहिए। सेहत के लिए योग व्यायाम और मॉर्निंग वॉक करना जरूरी हैं। समय-समय पर चिकित्सकों की सलाह लेना चाहिए। खान-पान में आयरन और बिटामिन वाले फलों का सेवन करना चाहिए। अधिकांश हरी सब्जी व हल्दी डालकर दूध का प्रयोग किया जाना चाहिए। काजू, बादाम, छुआरें, किसमिस, और देशी चने का प्रयोग करना जरूरी हैं। बींस और दाल, प्रोटीन व मिनरल्स सहित उबले हुए पानी का सेवन करना चाहिए। फल व सबजियों को धोकर खाएं। खाने में प्रयोग न करने वाली सामग्री कॉफी या कैफीन, कच्चा अंडा, कच्ची समुद्री तटों से आने वाली सब्जी, कच्चा मांस, बिना धुली सब्जी व फल, रेस्टोरेंट से न मंगवाए नुकसान दायक सामग्री, डिब्बा बंद खाद्द पदार्थ, शराब व धूम्रपान और फास्ट फूड से बचना चाहिए। गर्भावस्था के ढलते महीनों में महिला की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना पड़ता हैं।
गर्भावस्था में खान-पान पर रखें ध्यान, नहीं तो हो सकती है परेशानी
