भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस बीआर गवई, राष्ट्रपति भवन में ली शपथ

प्रफुल्ल शर्मा – आईआईएमटी न्यूज

नई दिल्ली | भारत को आज उसका 52वां मुख्य न्यायाधीश मिल गया। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित गरिमामय समारोह में मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस गवई भारत के पहले बौद्ध CJI हैं, और आज़ादी के बाद दलित समुदाय से आने वाले दूसरे मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। उनका कार्यकाल 23 नवंबर 2025 तक रहेगा। हालांकि कार्यकाल छोटा है, लेकिन ऐतिहासिक महत्व बेहद बड़ा माना जा रहा है।

शपथ ग्रहण के बाद जस्टिस गवई ने मीडिया से कहा कि “यह मेरे लिए व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का विषय है। मैं संविधान की गरिमा को बनाए रखने और न्यायपालिका में विश्वास को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने और संविधान की मूल भावना की रक्षा के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करूंगा।

उन्होंने डॉ. अंबेडकर को स्मरण करते हुए कहा कि संविधान ने ही उन्हें यह अवसर दिया, और वे आज भी उस सोच को जीवित रखने की जिम्मेदारी को अपने कंधों पर महसूस करते हैं। विदित रहे जस्टिस गवई महाराष्ट्र के अमरावती जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता रामकृष्ण सूर्यभान गवई, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के साथ बौद्ध धर्म अपनाने वाले प्रमुख सामाजिक नेताओं में शामिल थे।

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