पहाड़ की चोटियों के ठंडे होने का क्या है कारण, जानिये इस रिपोर्ट में

पहाड़

कंचन यादव। जब हम ठंड के समय में अलाव ताप रहे होते हैं और जैसे जैसे हम अलाव के पास आते हैं हमें गर्मी ज्यादा महसूस होती है। इसी के आधार पर तो यह सोचना एकदम वाजिब है कि यदि हम पहाड़ की चोटी पर खड़े है जिसकी ऊंचाई सम्रुद्र या भूमंडल की सतह से कई मीटर है। तो हम पहाड़ की चोटी पर ज्यादा गर्मी महसूस होनी चाहिए क्योंकि यहां हम सूरज के ज्यादा करीब होते है। लेकिन होता इसका इस उलट है। तो ज़रा सोचिए ऐसा क्यों होता है।

दरअसल इस सवाल के जवाब के लिए पहले यह समझना जरुरी है कि भूमंडल का वातावरण गर्म कैसे होता है। वातावरण की हवा सूर्य की किरणों से गर्म नंही होगा बल्कि धरती की सतह के संपर्क में आने सें हवा गर्म होती हैं। फिर हवा सें सवहन की धाराएं बहने से धीरे धीरे हवा की ऊपरी पर्ते भी गर्म होने लगती है । यह गर्म हवा ऊपर उठती है और आसपास की ठंडी हवा इसका स्थान ले लेती है । धरती की गर्म हवा अपनी उष्मा खोती जाती है और ठंडी होती जाती है।

इस प्रकार हम समुद्र सतह से जैसे ऊंचाई की ओर बढ़ते हैं तापमान लगभग डिग्री से टीग्रेड प्रति किलोमीटर की दर से कम होता जाता है। इसलिए पहाड़ की चोटिया ठंडी होती है जबकि सूर्य की किरणें इनसे सीधे टकराती हैं।

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