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गर्मी से गर्म हो रहे हैं एसी और फ्रिज, बढ़ रही है आग लगने की समस्या ,जानिए क्या हैं वजह और समाधान

राधा मंडल

जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वैसे ही लोगों की ठंडी चीज़ों पर निर्भरता भी बढ़ती जा रही है, जैसे कि एसी, कूलर और फ्रिज आदि। हालांकि इनका उपयोग राहत तो देता है, लेकिन यदि इनका सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाए, तो यह खतरनाक भी साबित हो सकता है। एसी और कूलर जैसे उपकरणों का अनुचित प्रयोग शॉर्ट सर्किट और आग लगने जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है।

गर्मियों में एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर का उपयोग अधिक मात्रा में शुरू हो जाता है, जिससे वोल्टेज में उतार-चढ़ाव भी बढ़ने लगता है। यह समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब बिजली के उपकरणों का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जाता। ऐसे में फ्रिज, एसी और स्टेबलाइजर में शॉर्ट सर्किट की संभावना बढ़ जाती है।

बचाव के उपाय
इन समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि एसी और फ्रिज में सर्ज प्रोटेक्शन डिवाइस लगवाएं और समय-समय पर उनकी सर्विसिंग कराते रहें। इससे फिल्टर, कंडेंसर और अन्य जरूरी हिस्से साफ रहेंगे और ओवरलोडिंग की समस्या कम होगी।

ओवरलोडिंग से कैसे बचें
एसी का लगातार उपयोग या तापमान को बहुत कम सेट करने से उसके कंप्रेसर का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जो बेहद खतरनाक होता है। एसी का तापमान अधिकतम 24–26 डिग्री सेल्सियस तक रखना चाहिए, ताकि बिजली की खपत कम हो और ओवरलोडिंग से बचा जा सके।

वहीं, रेफ्रिजरेटर में सामान को व्यवस्थित ढंग से रखना जरूरी है, ताकि हवा का प्रवाह बना रहे और ठंडक सही तरीके से बनी रहे। फ्रिजर का तापमान लगभग 0 डिग्री सेल्सियस और कूलिंग 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक रखना उपयुक्त होता है। कंप्रेसर की ड्यूटी साइकिल 50 से 60 प्रतिशत तक होनी चाहिए, ताकि वह अधिक गर्म न हो और शॉर्ट सर्किट या आग लगने की संभावना कम हो जाए।

निष्कर्षतः इन गर्मियों में एसी और फ्रिज का सुरक्षित और समझदारी से उपयोग ही आपको राहत भी देगा और संभावित हादसों से भी बचाएगा।

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