क्राइम रिपोर्टिंग साहस, सच्चाई और संवेदनशीलता का संगम : शम्स ताहिर खान

साजिया (ग्रेटर नोएडा) क्राइम रिपोर्टिंग केवल घटना दिखाने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को सच्चाई से रूबरू कराने की ज़िम्मेदारी है। उक्त बातें आज तक के वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर और मैनेजिंग एडिटर शम्स ताहिर खान ने IIMT कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा के मीडिया क्लब द्वारा आयोजित व्याख्यान में छात्रों से संवाद करते हुए कही। उन्होंने अपराध रिपोर्टिंग की मूलभूत चुनौतियों, जिम्मेदारियों और नैतिकताओं पर विस्तार से चर्चा की।

इस कार्यक्रम में IIMT ग्रुप ऑफ कॉलेजेज़ के प्रबंध निदेशक डॉ. मयंक अग्रवाल ने कार्यक्रम में अतिथि का स्मृति चिन्ह देकर औपचारिक स्वागत किया। कार्यक्रम में IIMT ग्रुप के डॉयरेक्टर जनरल डॉ. अंकुर जौहरी गरिमामयी सानिध्य प्राप्त हुआ ।

आज तक के क्राइम एंकर शम्स ताहिर खान ने क्राइम रिपोर्टिंग के आईने में अपने विचार साझा करते हुए कहा कि अगर किसी काम में जुनून नहीं है, तो उसमें ईमानदारी नहीं आ सकती। खासकर क्राइम बीट में सच्चाई, साहस और संवेदनशीलता तीनों अनिवार्य हैं।

प्रसिद्ध केसों पर गहराई से चर्चा करते हुए खान ने कोलकाता हॉस्पिटल केस, सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामला, आरुषि तलवार हत्याकांड और निठारी नरसंहार जैसे चर्चित मामलों का उल्लेख करते हुए पत्रकारिता में तथ्यों, फोरेंसिक सबूतों और अनुसंधान के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि पत्रकारिता को भावनाओं से नहीं, तथ्यों और प्रमाणों से संचालित होना चाहिए।”

“अगर आपको किसी केस की पूरी जानकारी नहीं है, तो रिपोर्टिंग से पहले रिसर्च करना अनिवार्य है।

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