पैरेंट्स की गलत परवरिश का परेशानी झेलता है लाइफ पार्टनर

पार्टनर

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कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिनकी बचपन में ख्वाहिश पूरी नहीं होती है तो उनका स्वभान जिद्दी हो जाता है। उसके बाद व किसी भी बात पर न नहीं सुनते हैं। जब उन्हें कभी अपनी मांगों पर न सुनने को मिलती है तब वे काफी गुस्सा हो जाते हैं और यही गुस्सा बड़े होकर उन्हें जिद्दी और अड़ियल बना देता है। वहीं ये बच्चे बड़े होकर छोटी-छोटी बातों को ईगो से जोड़ देते लेते हैं और सबसे बड़ी बात की इसकी दिक्कतें जीवन साथी को झेलनी पड़ती हैं।


दरअसल,माता-पिता की गलत पालण-पोषण से बच्चों को बड़े होने पर उन्हें जिद्दी पार्टनर बना देती है, जिससे उन्हें अपनी शादी में बैलेंस बनाना मुश्किल हो जाता है। लड़की के मनमुताबिक काम नहीं होता तो वे नाराज हो जाती हैं। वहीं कई बार छोटी-छोटी बातों पर बहस करने लग जाती है। इस वजह से कभी-कभी घर का माहौल भी तनाव भरा रहता है, लेकिन दोनों की कोशिश यहीं होनी चाहिए की एक-दूसरे को समझें और रिश्ते में बैलेंस बनाकर रखें। कोई एक-दूसरे पर हावी न हो।

दिल्ली में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. प्रज्ञा मलिक का कहना है कि जिन परिवारों में बच्चे बहुत लाड़-प्यार से पलते हैं और उन्हें हमेशा प्रोटेक्टिड किया जाता है, वे बड़े होने पर चुनौतियों का सामना नहीं कर पाते। जब उनके सामने परेशानियां आती हैं तो वे उन्हें संभाल नहीं पाते और निराशा का शिकार होना पड़ता हैं। वहीं ज्यादा लाड़-दुलार में पले बच्चे जब बड़े होकर किसी के पार्टनर बनते हैं तो उन्हें आपस में तालमेल बैठाना काफी मुश्किल होता है। उनमें एक-दूसरे को लेकर आपसी तुलना बढ़ने लगता है। लड़का या लड़की हमेशा यही सोचते हैं कि जैसे उन्हें पहले पैंपर किया जाता था वैसे ही अभी भी किया जाए। इन बच्चों को जब परिवार में अटेंशन कम मिलती है तो ये खुद को बाहरी महसूस करने लगते हैं और स्वभाव गुस्सैल होने लगता है। एक-दूसरे को लेकर फ्लैक्सिबिलिटी कम होने लगती है।


वहीं डॉ. प्रज्ञा बताती है कि गलत तरह से पले बच्चों के सामने जब चुनौतियां आती हैं तब उन्हें समझ नहीं आता कि समस्या का हल निकालने के लिए किस समय क्या फैसला लिया जाए। ऐसे बच्चों की डिसीजन मेकिंग पावर खराब होती है।
गौरतलब है कि ज्यादा लाड़-दुलार बच्चे को बिगाड़ देता है जिससे कि वे बड़े होने पर डिफिकल्ट पार्टनर बनते हैं। पार्टनर के मनमुताबिक काम न होने पर सेक्स लाइफ पर भी असर पड़ता है। जिद्दी बच्चे जिद्दी पार्टनर बनते हैं और शादी के बाद वे खुद को पार्टनर से ऊंचा मानते हैं। सामने वाले की जरूरत को महत्व नहीं देते। इस वजह से रिश्ते में बराबरी नहीं रहती और आपसी समझ खराब होने लगती हैं।

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