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लखनऊ समेत 25 जिलों में करोडो का घोटाला

लखनऊ

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कुमारी साक्षी: लखनऊ के साथ 25 और जिलों में करोडो का घपला सामने आया है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के पीएफ में करोडो की गड़बड़ी पाई गई है। ऐसे में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. वेदब्रत सिंह ने सभी सीएमएस और सीएमओ को इस विषय पर जाँच पड़ताल करने का आदेश दिया है।

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के भविष्य निधि ( पीएफ ) में करोडो रुपयों की गड़बड़ी पाई गई है। आउटसोर्सींग एजेंसियों ने संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के मानदेय से पीएफ में कमी की, परंतु उस कटोती के रकम को स्वास्थ्य कर्मियों के खाते में नहीं डाला गया। लखनऊ के साथ 25 जिलों में यह हादसा सामने आया। ऐसे में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. वेदब्रत सिंह ने सभी सीएमएस और सीएमओ को इस विषय पर जाँच पड़ताल करने का आदेश दिया है।

स्वास्थ्य विभाग में कोविड 19 के अलावा अन्य कार्यक्रमों के लिए आउटसोर्सिग एजेंसियों के जरिए कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा इन एजेंसियों का चयन किया जाता है। जिसके मुखिया चयनित जिलों के जिलाधिकारी हैं। पुरे प्रदेश मे 15 हजार से भी ज्यादा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की संख्या है। स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन से पीएफ की कटौती होती है। आउटसोर्सिंग एजेंसियों ने पीएफ की रकम उनके वेतन से काट ली, परंतु उस पैसे को उन्होनें जमा नहीं किया। लखनऊ में इस तरह के घोटाले का मामला सामने आते ही कर्मचारियों में खलबली मच गई। अब हर जिलों में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि लखनऊ की कई मुख्य चिकित्साधिकारियों ने एजेंसियों के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक के साथ अन्य उच्चाधिकारियों को भी घोटाले के मामले की जानकारी दी परंतु सभी इस मुद्दे पर मौन रहे। दुसरी तरफ कर्मचारी संगठन लगातार शिकायतें कर रहें हैं। सूत्र बताते हैं कि एजेंसियां कर्मचारियों के खाते में जमा होने वाली रकम को दूसरे काम में लगाती हैं, और जब ज्यादा दबाव बनता है तो वह कुछ रकम कर्मचारियों के खाते में जमा कर देती है। संविदा स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की मिलीभगत से यह खेल लगातार खेला जा रहा है।

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